Tuesday, July 15, 2008

सवाल पहले और बाद का

कहते हैं की माल पहले मिले और चोरी बाद में पकडी जाए तो समाचार पात्र में प्रकाशित योग्य समाचार बनता है =वास्तव में होना तो यह चाहिए कि चोरी कि रिपोर्ट के वाद इत्तेफाकन माल कि बरामदगी हो जाए तो मुख प्रष्ट पर प्रकाशित होने योग्य समाचार बनता है
माल का पकड़ा जाना अपने आप में एक महत्त्व पूर्ण घटना होतीहै =एक अधिकारी दौरे पर गए =उन्होंने तीन तहसील मुख्यालयों का मुआयना किया -दौरा करके लौटे तो पाया कि महगी रिस्टवाच कहीं फ्रेश होते समय रह गई =पी ऐ ने तीनों जगह फोन कर दिया -घड़ी की मेक हुलिया आदि बतला दिया =कहते है कि दूसरे दिन साहिब सुबह बाथरूम गए तो घड़ी बात रूम में मिल गई =कहते है कि तीनो जगह फोन लगाया गया कि घड़ी मिल गई है तलाश न की जाए =यह भी कहते हैं कि तीनों जगह से जवाब आया =यह आप क्या कह रहे है सर -घड़ी जप्त की जा चुकी है =मुलजिम कोगिरफ्तार किया जा चुका है और मुलजिम ने अपना इक्वालिया बयान देकर जुर्म कुबूल भी कर लिया है
ऐसी बहुत सी बातें हैं किपहले क्या होना चाहिए और बाद में क्या होना चाहिए और लगभग सभी बातें अनुत्तरित हैं -पहले मुलजिम को गिरफ्तार किया जाना चाहिए फिर माल बरामद करना चाहिए या पहले माल बरामद करना चाहिए =पंचनामा बना कर माल बरामद करना चाहिए या माल बरामद करके पंचनामा बनाना चाहिए =पहले शादी होना चाहिए फिर प्यार होना चाहिए या पहले प्यार होना चाहिए =पहले एन्कौन्टर होना चाहिए फिर अपराधी को गोली मरना चाहिए या पहले गोले मार देना चाहिए फिर एनकाउंटर दिखाया जन चाहिए =पहले क्षमा याचना करना चाहिए या पहले अभद्रता करके फिर मुआफी मांगना चाहिए =किसी को टक्कर मार कर पहले गाली देना चाहिए फिर क्षमा मांगना चाहिए या पहले सॉरी बोल देना चाहिए फिर गाली देना चाहिए =आजकल के लड़के करते हैं न -तेज़ गाड़ी चलाएंगे टकरायेंगे और सॉरी बोल देंगे यदि टक्कर खाने वाला कुछ फिर भी कहता है तो कहते है अबे साले सॉरी बोल तो दिया और क्या तेरे पैर पड़ने लगें -अब सीधी तरह से चला जा बरना ........
क्या हुआ कि किसी ने युद्दसिंह जी को गधा कह दिया -क़ानून के जानकर थे -दफा ५०० का अर्थ बखूबी समझते थे सो मान हानी का दावा कर दिया =हालाँकि ऐसे मुक़दमे बमुश्किल तमाम साबित होते है लेकिन युध्य सिंह जी रसूखदार इज्जत दार थे सो जुर्म सिद्ध हो गया नेक चलनी कि जमानत हो गई भविष्य में ऐसा न करने कि हिदायत मिल गई =अपराधी बोला हुज़ूर में कान पकड़ता हूँ अब कभी इन्हे गधा नहीं कहूंगा -मगर सरकार एक बात बता दीजिये कि किसी गधे को तो युध्यसिंह कह सकता हूँ -अदालत ने आई पी सी की दफा ४९९ का आद्योपांत अध्ययन करके कहा कि भाई इसमें तो ऐसा लिखा है कि किसी व्यक्ति को बोल कर -लिखकर -पढ़कर छाप कर अपमानित करेगा =और चूंकि गधा व्यक्ति नहीं है तो उसे आप जो चाहे कह सकते हैं =अदालत को धन्यबाद देकर जाते वक्त अपराधी ज़ोर से बोला ++नमस्ते युध्यसिंह जी
पहले बोलना चाहिए फिर सोचना चाहिए या पहले सोचना चाहिए फिर बोलना चाहिए क्योंकिअगर सोच कर बोला तो सुनने वाला एक किलोमीटर तक जा चुका होगातब बोलना शुरू होगा =कहते है कि पति नामक प्राणी सोच कर बोलता है और पत्नी बोल कर सोचती है =झगडा हुआ तो पति गुस्से में बोला -हे प्रभु =तेरी दुनिया में दिल लगता नही बापस बुलाले हे मालिक उठाले =पत्नी भी रोते हुए कहने लगी प्रभु मुझे भी उठाले -सुन कर पति बोला प्रभु ऐसी बात है तो में अपनी प्रार्थना बापस लेता हूँ और गाने लगा -जीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहाँ =खैर -शादी से पहले अपने सारे अफेयर्स बता देना चाहिए या शादी के बाद धीरे धीरे बतलाना चाहिए =पहले विरोध करना चाहिए फ़िर समझोते का अर्थ समझना चाहिए या पहले अर्थ समझना चाहिए फिर विरोध करना चाहिए = मुशायरे या कविसम्मेलन में पहले शेर समझना चाहिए फिर दाद देनी चाहिए या पहले दाद दे देना चाहिए फिर अर्थ समझना चाहिए -एक कवि सम्मलेन में कविकी दाढ़ में दर्द हो रहा था बेचारा परेशां था कि नाम पुकार लिया गया -माइक पकड़ते ही बेचारे ने कहा " आज मेरी दाढ़ में दर्द है " श्रोताओं में से आवाज़ आई "वाह वाह क्या बात है -क्या तसब्बुर है क्या जज्वात है साथ ही मुक़र्रर की आवाजें भी
पहले चूहों को गिन कर किसी अस्पताल में मौजूद चूहों कि संख्या बतलाना चाहिए या पहले संख्या बतला देना चाहिए फिर गिनती करना चाहिए और भी बहुत सी बातें हैं मसलन सब कुछ लुटा का होश में आना चाहिए या होश में आकर सब कुछ लुटा देना चाहिए =पुत्र कुपुत्र हो तो धन संचय करना चाहिए या धन संचय करके सुपुत्र को कुपुत्र बना देने में सहायक होना चाहिए / एक बात और कोई रचना लौटा कर लेखक के प्रति खेद व्यक्त कर देना चाहिए या उसे प्रकाशित करके पाठक के प्रति खेद प्रकट क्र देना चाहिए और यह भी कि किसी के जख्मों पर नमक छिड़क क्र हसना चाहिए या किसी के ज़ख्मों पर हंस हंस कर नमक छिड़कना चाहिए

3 comments:

गरिमा said...

इस पहले और बाद के चक्कर मे मै भुल गयी कि पहले क्या कहना चाहिये, और बाद मे कहना चाहिये, या पहले ये बताऊँ कि अच्छा लगा या और फ़िर बताऊँ कि अंत तक पढने के बाद भी कोई निष्कर्स नही निकला, या पहले ये बता दुँ कि....

Vinay said...

आज पकड़ में आया है यह वेब पेज बस अबसे रोज़ पढ़ा जायेगा यदि नियमित तौर पर लिखा गया!
बस कमेंट के लिए वर्ड वेरिफ़िक़ेशन हटा दो या मुझे ओपेन आइडी बना लो!

Dev said...

पहले चूहों को गिन कर किसी अस्पताल में मौजूद चूहों कि संख्या बतलाना चाहिए या पहले संख्या बतला देना चाहिए फिर गिनती करना चाहिए और भी बहुत सी बातें हैं मसलन सब कुछ लुटा का होश में आना चाहिए या होश में आकर सब कुछ लुटा देना चाहिए =पुत्र कुपुत्र हो तो धन संचय करना चाहिए या धन संचय करके सुपुत्र को कुपुत्र बना देने में सहायक होना चाहिए / एक बात और कोई रचना लौटा कर लेखक के प्रति खेद व्यक्त कर देना चाहिए या उसे प्रकाशित करके पाठक के प्रति खेद प्रकट क्र देना चाहिए और यह भी कि किसी के जख्मों पर नमक छिड़क क्र हसना चाहिए या किसी के ज़ख्मों पर हंस हंस कर नमक छिड़कना चाहिए

Kaphi achchha likha hai...

http://dev-poetry.blogspot.com