Friday, April 4, 2008

अपन बात कर रहे थे डेडी की / परेशानियों की इस साकार मूर्ति के प्रति उसकी संतान सदैब ही सम्बेदंनशील रही है अन्तर सिर्फ़ अंदाजे वयां का हो गया है / भाव वदल गए विचार वदल गए -भाषा वदल गई / पहले बेटी कहती थी मेरी शादी को लेकर आजकल पापा बहुत परेशान रहते है और बेटा कहता था मेरे रोज़गार -मेरी शिक्षा -मेरे भविष्य को लेकर डैडी चिंतित रहते हैं / ये बात वे बड़े ही दुखी मन से सीरियस होकर कहते थे - और आज बेटा हाथों में इलैक्ट्रिक गिटार लिए नाचते हुए गले में थोडी सी डाले हुए डिस्को करते हुए गाता है "डेडी मेरा बड़ा परेशान "
आज का डैडी इसलिए परेशान है क्योंकि उसका मुंडा बिगड़ रहा है / यह शिकायत पहले अम्मा से की गई थी - ओ अम्मा देख अम्मा देख तेरा मुंडा बिगड़ा जाए -मगर अम्मा दया वात्सल्य करुना की मूर्ति होती है /उसने तो हर माँ की तरह कोई ध्यान नहीं दिया मगर यह सुनकर डैडी हर डैडी की तरह परेशान हो गया /
हमारे देश में घर का कर्ता -मुखिया डैडी होता है तनखा उसी की जेब में रहती है /बच्चों को हर चीज़ मुहैया कराने का दायित्व डैडी का होता है जब बच्चों द्वारा कोई मांग माँ से दी जाती है तो जवाब मिलता है डैडी को आने दो मंगवा देंगे / इसीलिए स्कूल में गाय पर निवंध लिखते समय बच्चा आपत्ति कर्ता है की गाय दूध कहाँ देती है दूध तो डैडी लाकर देतें हैं / उएह दुर्भाग्य है की कृषि प्रधान देश के महानगरों के छोटे बच्चों ने गाय केवल तस्वीर या दूरदर्शन पर ही देखी होती है /
कुछ डैडी अपने बच्चों को कठोर परिश्रम और दृढ संकल्प की शिक्षा देते है और कुछ डैडी कहते है माना की कठोर परिश्रम से आज तक कोई नहीं मरा फिर भी रिस्क क्यों ली जाए /कुछ डैडी अपनी सारी सफलता अपने बच्चों की झोली में डालकर उनको सफलता की ऊँची चोटी पर बिठा देते हैं / आज यह कहना ग़लत है की हर सफल व्यक्ति के पीछे एक औरत होती है अथवा हर सफल फ़िल्म लेखक के पीछे एक सुंदर बाला और उस सुंदर बाला के पीछे उसका पति होता है /आज यह कहना बिल्कुल सही है की हर सफल व्यक्ति के पीछे उसका डैडी होता है चाहे वह राजनीती हो या फ़िल्म /
यह बात भी नितांत सत्य है की डैडी सुख चंद उँगलियों पर गिने जाने वाले भाग्यावानो को ही प्राप्त है शेष दुनिया वालों में यदि दुःख का कोई कारण है तो वह है डैडी / जो उपलब्ध है किंतु कम मालूम पड़ता है उसकी वज़ह है डैडी / दूसरों के पास हमसे अधिक सम्पन्नता तो उसका कारन है डैडी हमारे पास कोठी बंगला कर नहीं है -कारण डैडी / बच्चे कहते हैं आपने जैसी जिंदगी गुजार दी वैसी हम नहीं गुजार सकते / जिंदगी में आपने एकाध नेता की ही चमचा गिरी की होती तो आज हमें यह बेरोजगारी का मुह नहीं देखना पड़ता /आपने हमें इंग्लिश स्कूल में क्यों नहीं पढाया / सस्ते ज़माने में दो चार प्लाट ही खरीद कर पटक लिए होते /अब कौन समझाए सस्ता ज़माना था तो पैसे भी कहाँ थे /सरकारी बाबू को नब्बे रूपये वेतन मिलता था /
डैडी कौन होता है इसकी में व्याख्या करता हूँ -लड़के द्वारा की गई बद्तमीजियों पर दूसरों से माफ़ी मांगने वाला और लड़की के ससुर और लड़की के पति के चरणों में सर रखकर नाक रगड़ने वाला डैडी होता है /डैडी की नाक प्रकृति ने रगड़ने के लिए ही बनाई है /
जो आने वाली भयाभय भोर से डर कर रातें जग कर काटे उसे डैडी कहते हैं / जो स्वयं मास्टर या बाबू होकर लड़के को कलेक्टर बनने की सोचे और लड़की के लिए इंजीनियर वर ढूंढे वह डैडी होता है / जो लड़की की शादी में सारा प्रोविडेंट फंड निकाल ले और लड़के की नोकरी के लिए पुश्तेनी मकान बेच कर किराये के घर में रहने लगे / जो शिष्य की तरह बेटे और बेटी का आज्ञाकारी हो उनकी चिंता तो करे मगर उनके व्यक्तिगत मामलों में दखल न दे /जो स्वयं सबकी चिंता करे और जिसकी चिंता किसी को न हो उसे डैडी कहते हैं /
इसलिए यह सिद्ध है की डैडी नामक प्राणी संसार में परेशान होने आया है परेशान हो रहा है और होता रहेगा / हिन्दी शब्दकोष में जहाँ परेशानी के माने लिखे हैं वहाँ डैडी शब्द लिखा

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